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Monday 17 August 2015

मैं नहीं जानता कि आजादी से पहले कैसी जिन्दगी थी...

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मैं नहीं जानता कि आजादी से पहले कैसी जिन्दगी थी... गुलामी में जीना कैसा था... लोग कैसे रहते थे, किन परेशानियों का सामना करते थे, क्या क्या सहते थे...

photo credit - mapsofindia.com


      पर हाँ एक बात जरुर कहना चाहूँगा कि मैं एक आजाद देश में पैदा हुआ हूँ... और बचपन से अब तक जो जो फिल्मो, कहानियो, ख़बरों में पढ़ा है उस के हिसाब से हम एक हद तक आजाद हैं... पर हां सिर्फ एक हद तक... गरीबी तब भी थी अब भी है... खून खराबा तब भी आम बात थी आज भी है...

      क्यूंकि जहाँ तक आजादी से पहले गुलामी की जिन्दगी और अब की जिन्दगी के तुलना की जाये तो जिन्दगी एक नजरिये से तब भी नरक थी और अब भी नरक है...
      शैतान तब भी थे और अब भी हैं... तब भी अत्याचार होते थे और अब भी होते हैं... पर लोग तब भी जीते थे और अब भी जीते हैं... तब भी बंदिशे थी अब भी हैं... तब विदेशी थे अब देश के ही हैं...

       हम आजाद तो हुए पर उस का हमने सही तरीके से उपयोग नहीं किया... हम बस अपने फायदे के लिए ही आजादी का उपयोग करते हैं... कोई गलत काम करे तो बस एक ही डाइलोग मारेंगे “हम अब आजाद हैं जो चाहे कर सकते हैं”

      देश तो बदल रहा है पर जरुरत है तो हमें बदलने की... अपनी सोच बदलने की.. क्यूंकि हम बदलेंगे तो ही तो देश बदलेगा बाबा....


-    बाबा बेरोजगार

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